रात्रि भोज का निमंत्रण स्वीकार कर ऑटो में बैठकर केजरीवाल ने ऑटो चालक के घर खाया खाना
रात्रि भोज का निमंत्रण स्वीकार कर ऑटो में बैठकर केजरीवाल ने ऑटो चालक के घर खाया खाना
-भगवंत मान और हरपाल सिंह चीमा भी हुए ऑटो में सवार
-लुधियाना में `ऑटो संवाद' कार्यक्रम में केजरीवाल ने सुनी ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों की समस्याएं
-ऑटो रिक्शा चालकों से बोले केजरीवाल, दिल्ली के ऑटो चालकों की तरह मुझे भाई बना लो
लुधियाना, 22 नवंबर
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय कन्वीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लुधियाना में आयोजित `ऑटो संवाद' कार्यक्रम के तहत पंजाब के ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों को दरपेश आ रही समस्याओं और उनके स्थायी समाधान के लिए सुझाव सुने और भरोसा दिया कि 2022 में पंजाब में `आप' की सरकार बनने पर दिल्ली के ऑटो चालकों की तरह पंजाब के ऑटो और टैक्सी चालकों की समस्याओं का ठोस समाधान पहल के आधार पर करेंगे। नियमों-कानूनों में आवश्यक सुधार और बदलाव किए जाएंगे, जैसे दिल्ली में किए हैं। केजरीवाल का यह `ऑटो संवाद' शुरू होते ही अधिक रोचक उस समय हुआ, जब एक ऑटो रिक्शा चालक दलीप कुमार तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को अपने घर रात्रि भोज की दावत दी और साथ ही प्रार्थना की गई कि अच्छा लगेगा कि वह (केजरीवाल) उसके ऑटो में बैठकर ही उसके घर रात्रि भोज पर चलें। निमंत्रण को तुरंत स्वीकार करते हुए केजरीवाल ने पूछा कि क्या वह अपने साथ भगवंत मान और हरपाल सिंह चीमा को भी साथ लेकर आ जाएं? कार्यक्रम का समापन होते ही केजरीवाल, भगवंत मान और हरपाल सिंह चीमा ऑटो में बैठकर दलीप तिवारी के घर गए और रात्रि भोज किया। `ऑटो संवाद' कार्यक्रम के दौरान सैंकड़ों ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा ऑटो और टैक्सी चालकों के लिए किए बेमिसाल कार्यों के कारण दिल्ली का हर एक ऑटो चालक मुझे (केजरीवाल) को अपना भाई मानता है। उसी तरह आज मैं आपका भाई बनने आया हूं। एक रिश्ता बनाने आया हूं। मुझे अपना भाई बना लो, आपकी सभी समस्याओं, परेशानियों का समाधान भाई बनकर ही करूंगा। केवल ऑटो की समस्या ही नहीं घर में बच्चे की शिक्षा ठीक नहीं हो रही, किसी का स्वास्थ्य ठीक नहीं, सभी परेशानियों का समाधान मैं करूंगा। इस मौके पर केजरीवाल ने ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों पर आधारित एक संयुक्त कॉरपोरेशन बनाने की घोषणा की, ताकि वे स्वयं नीतियां बना सकें।
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में `आप' की सरकार बनने पर पहले ऑटो चालकों को सुबह से रात तक पता नहीं कितनी बार रिश्वत देनी पड़ती थी। केजरीवाल ने कहा कि ऑटो-रिक्शा चालकों को सोची-समझी साजिश के साथ माफिया कहकर बदनाम किया जाता था लेकिन हमनें दिल्ली के रामलीला मैदान में ऑटो-रिक्शा और टैक्सी वालों की खुली हिमायत करते हुए कहा था कि यदि ऑटो रिक्शा और टक्सी वाले माफिया होते तो वे -झुग्गी-झोपड़ियों या छोटो-मोटे घरों में रहने के बजाय कोठियां बनाकर रहते। केजरीवाल ने कहा कि माफिया ऑटो-रिक्शा या टैक्सी चालक नहीं बल्कि सियासतदान असली माफिया होता है। ऑटो और टैक्सी चालक तो इस भ्रष्टाचारी तंत्र के पीड़ित हैं।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों को दी जा रही सुविधाओं का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली सरकार ने सभी सेवाएं फेसलैस कर दी हैं, जिससे दफ्तारों के चक्कर नहीं काटनने पड़ते। सिर्फ फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए एक चक्कर दफ्तर लगाना पड़ता है। शेष सभी कार्य ऑटो चालक की सुविधानुसार सरकारी कर्मचारी उसके घर जाकर करता है।
केजरीवाल ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली सरकार ने दिल्ली के ऑटो, टैक्सी और टैंपो चालकों को प्रति महीना 5000 रुपये की मदद देकर कुल 150 करोड़ रुपये बांटे, जो देश में किसी भी सरकार ने पहली बार अपने प्रदेश के ऑटो और टैक्सी चालकों को दिए हों।
केजरीवाल ने ऑटो चालकों से कहा कि उनकी जो भी अन्य समस्याएं हैं, वे लिखकर दे दें। एक-एक समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा। केजरीवाल ने बताया कि जब अधिकारी एसी कमरों में बैठकर योजनाएं बनाते हैं तो समस्याओं के हल के बजाय और बढ़ जाती हैं। इसलिए दिल्ली सरकार ने ऑटो-टैक्सी चालकों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए जो कमेटी गठित की है, उसमें 2-3 अधिकारियों के अलावा शेष सभी सदस्य ऑटो और टैक्सी चालक थे। यहां तक की लंबे समय से किराए में बढ़ोतरी न होने के कारण किराया बढ़ाने का फैसला भी स्वयं ऑटो टैक्सी-चालकों ने किया, जिसे सरकार ने लागू कर दिया।
केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली के किसी भी ऑटो चालक को पूछकर देखो वह (ऑटो चालक) दिल्ली सरकार की दिल खोलकर प्रशंसा करेगा, क्योंकि `आप' की सरकार ने पहली बार ऑटो चालकों को न केवल लंबे समय से चलती आ रही समस्याओं और मुश्किलों से राहत दी, बल्कि उनके मान-सम्मान को भी बहाल किया। इसलिए नियमों-कानूनों में आवश्यक सुधार और बदलाव भी किए। केजरीवाल ने बताया कि 2014 में जब पहली बार `आप' ने चुनान लड़ा तो उस जीत के लिए 70 प्रतिशत भूमिका ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों ने निभाई थी। इसी तरह अगली दोनों रिकॉर्ड जीत में भी ऑटो, रिक्शा और टैंपो चालकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
केजरीवाल ने बताया कि सबसे बड़ी भूमिका ऑटो रिक्शा के पीछे आम आदमी पार्टी (झाड़ू) का पोस्टर लगाकर निभाई। इसके साथ ही मंच पर पंजाब के ऑटो रिक्शा चालकों के लिए `एक मौका केजरीवाल' पोस्टर का उद्घाटन अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने किया, जिसे बाद में केजरीवाल ने अपने हाथ से एक ऑटो पर चस्पा किया।
इससे पहले विभिन्न ऑटो रिक्शा चालकों ने शहर में पार्किंग के लिए आधिकारिक स्थल और प्रशासनिक सहयोग और आवश्यक सुविधाओं की मांग की और अब तक की सरकारों पर ऑटो-रिक्शा चालकों को अनदेखा करने के आरोप लगाए। ऑटो रिक्शा और टैंपो-टैक्सी चालकों ने कमर्शियल वाहनों की रजिस्ट्रेशन चंडीगढ़ के बजाय स्थानीय शहरों में किए जाने की मांग भी की। इस `ऑटो संवाद' कार्यक्रम के मौके पर भगवंत मान, हरपाल सिंह चीमा, जरनैल सिंह और राघव चड्ढा उपस्थित रहे। जबकि मंच संचालन की जिम्मेदारी `आप' विधायक अमरजीत सिंह संदोआ ने निभाई। इस का कार्यक्रम में `आप' विधायकों और प्रदेश स्तरीय नेताओं ने भी हाजरी भरी।